सब कर्म करते हुए मुक्त कैसे हो सकते हैं? कर्म के बंधन को कैसे तोड़ सकते हैं? कर्म करना श्रेष्ठ है या कर्म नहीं करना श्रेष्ठ है? विपरीत कर्मफल मिलने से विचलित होने वाली बुद्धि को स्थिर कैसे रखें? योग की पूर्णता को कैसे प्राप्त करें? जानिये इन सब प्रश्नों के उत्तर जो आपका पूरा जीवन बदल कर रख देंगे।
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बुद्धियोग
1. कर्म के सिद्धांत को जानकर सब कर्म करते हुए भी मुक्त कैसे हो सकते हैं? 2. कर्मबंधन को कैसे तोड़ें? 3. अध्यात्म का ज्ञान होने के बाद कर्म करना चाहिए या नहीं ? 4. कर्मों के फल नहीं मिलें या उलटे ही मिलें तो क्या करें? 5. योग की पूर्णता (अभेद) को कैसे प्राप्त करें?
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